Automatic Dustbin
छात्र परंपरागत तरीकों के मेल से नई रचनाएं करें विकसित: डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा
सिरसा 19 अप्रैल 2024 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिकल विभाग के दो छात्रों खुश्मीत सिंह एवं प्रिंस कुमार ने नवीनतम तकनीक पर आधारित ऑटोमेटिक कचरा पात्र का निर्माण किया है। इस कचरा पात्र की विशेषता यह है कि इसमें उपयोगकर्ता को किसी भी प्रकार से कचरा पात्र को छूने की आवश्यकता नहीं है अपितु केवल पास जाने भर से ही यह ऑटोमेटिक तरीके से खुल जाता है और उपयोगकर्ता इसमें कचरा फेंक सकता है। कचरा डालने के उपरांत कचरा पात्र खुद-ब-खुद बंद हो जाता है। इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा ने प्राचार्य डॉ दिनेश कुमार को बधाई दी। उन्होंने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उनका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि जेसीडी विद्यापीठ नवीन रचनाओं और अनुसंधान के लिए छात्रों को हर संभव सहायता करने के लिए तत्पर है ।छात्रों को भी पुरानी एवं परंपरागत तरीकों को साथ में लेकर उनमें नई तकनीक जोड़कर उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार बनाए गए उपकरण एवं डिजाइन आज के युग में प्रयोग करने के लिए और सुविधाजनक बन सकते हैं। उन्होंने कहा की कोरोना कल में हम सब ने यह सबक लिया है कि किसी भी वस्तु को जो सेहत के लिए नुकसान दायक हो सकती है उसे सीधे तौर पर न छुएं। यह ऑटोमेटिक कचरा पात्र हमें गंदगी एवं कीटाणुओं से बचाने में मददगार साबित होगा।
डॉ. ढींडसा ने कहा कि ऑटोमेटिक कचरा पात्र का निर्माण छात्रों को नए सोच और परंपरागत तरीकों के मेल में संयुक्त करने का अवसर प्रदान कर सकता है। यह एक उपयोगी परियोजना होगी जो प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, और स्वच्छता क्षेत्रों को जोड़ती है। उन्होनें कहा कि छात्रों को सेंसर्स और मोटर्स के साथ काम करने के लिए प्रोग्रामिंग और संचालन की कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए । ताकि इस तरह के कार्यों से छात्रों को परंपरागत तरीकों से बाहर निकलकर नई और उपयोगी रचनात्मकता का सामना करने का अवसर मिलता रहे ।
इस अवसर पर और अधिक जानकारी प्रदान करते हुए प्राचार्य दिनेश कुमार ने बताया कि इस कचरा पात्र में अल्ट्रासोनिक सेंसर का इस्तेमाल किया गया है जो प्रयोगकर्ता को दूर से ही सेंस करके माइक्रोकंट्रोलर की सहायता से कचरा पात्र को खोलने के लिए मोटर को जरूरी निर्देश प्रेषित करता है जिससे कचरा पात्र पास जाते ही खुल जाता है। इस कचरा पात्र को पूरी तरह से भरने के पश्चात सामान्य कचरा पात्रों की तरह खाली किया जा सकता है ,इसलिए यह तकनीक दैनिक प्रयोग के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। इस ऑटोमेटिक कचरा पात्र का निर्माण इलेक्ट्रॉनिक विभाग की अध्यक्ष इंजीनियर वीना रानी एवं डॉक्टर सिल्की के मार्गदर्शन में किया गया है।