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National Science Day

सीवी रमन केवल भारत के लिए ही नहीं अपितु पूरे विश्व के वैज्ञानिकों लिए प्रेरणा स्त्रोत: डॉ. ढींडसा
*जेसीडी में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर इंटर कॉलेज प्रतियोगिताओं का आयोजन*
*विकसित भारत का निर्माण विज्ञान के जरिए ही संभव: डॉ.एसपी खटकर*

सिरसा, 29 फरवरी, 2024: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन, रोहतक अध्याय के तत्वाधान में जेसीडी मेमोरियल कॉलेज और जेसीडी मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर से संयुक्त रुप से एक कार्यक्रम का आयोजन गया। जिसमें “विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी” विषय पर कई तरह की प्रतियोगिताएं करवाई गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रो. डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा द्वारा की गई और मुख्य अतिथि के रूप में इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन, रोहतक से प्रो. डॉ. एसपी खटकड़, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक (सीएसआईआर), एमडीयू, रोहतक व विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो.डॉ विनोद बाला तक्षक, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक (सीएसआईआर), एमडीयू, रोहतक शामिल हुईं।इस दौरान जेसीडी के कुलसचिव डॉ. सुधांशु गुप्ता भी विशेष तौर पर वहां मौजूद रहे .इस कार्यक्रम के संयोजक जेसीडी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल और जेसीडी कॉलेज ऑफ़ इंजिनियरिंग के डॉ. दिनेश कुमार रहे। इसके अलावा एजूकेशन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जय प्रकाश,डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अरिंदम सरकार, कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी की प्राचार्या डॉ.अनुपमा सेतिया व बिजनेस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की प्राचार्या डॉ. हरलीन कौर मौजूद रहीं। वहीं कोऑर्डिनेटर की भूमिका डॉ. इंदु, श्रीमती मधु व इंजीनियर गंगा सिंह ने निभाई। डॉ. शिखा गोयल ने आए हुए मेहमानों का स्वागत किया और सभी विद्यार्थियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन किया।

जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रो. डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने इन प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी और सभी अतिथियों का अभिवादन किया। डॉ.ढींडसा ने जेसीडी मेमोरियल कॉलेज और जेसीडी इंजिनियरिंग की शैक्षणिक,कलात्मक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा किए गए रचनात्मक आविष्कारों और इको फ्रेंडली प्रोटोटाइप बनाए जाने का उल्लेख भी किया और विद्यार्थियों की प्रतिभा से अवगत करवाया। डॉ. ढींडसा ने कहा कि विद्यार्थियों के इन गतिविधियों में शामिल होने से उनकी संवेदनशीलता बढ़ती है। इससे उनका वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार के प्रति रुचि और झुकाव बढ़ता है वैज्ञानिक दृष्टिकोण की प्रेरणा से विद्यार्थियों में समस्याओं का सामना करने और समाधान ढूंढने की क्षमता विकसित होती है। विशेषज्ञों को सुन कर उनमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण अनुसंधान और उत्पादों की समझ बढ़ती है जो उनके भविष्य के लक्ष्यों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। डॉ. ढींडसा ने कहा कि सी वी रमन साइंस में नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय वैज्ञानिक थे जो भारत में जन्मे और यहीं पर कार्य करते हुए नोबल पुरस्कार प्राप्त किया।

डॉक्टर शिखा गोयल ने प्रो. डॉ. एसपी खटकड़ का परिचय देते हुए बताया कि वो खुद इंडियन साइंस कांग्रेस के रोहतक चैप्टर के संयोजक हैं और उनके पास बहुत से साइंटिफिक, रिसर्च और अकादमिक प्रोजेक्ट में काम करने का विस्तृत अनुभव है। जिसमें मुख्यत कोरिया में विजिटिंग साइंटिस्ट रहना और बहुत से इंडो कोरियन साइंस प्रोजेक्ट्स को लीड करना शामिल हैं। सिर्फ इतना ही नहीं वे डॉ. अब्दुल कलाम की मौजूदगी में साइंस कॉन्क्लेव भी करवा चुके हैं और उन्हें हाल ही में उपराष्ट्रपति द्वारा जेसी बॉस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. शिखा ने प्रो.डॉ विनोद बाला तक्षक का परिचय करवाते हुए कहा कि उनके नाम भी अनेकों उपलब्धियां और साइंस के क्षेत्र में देश और विदेश में उनके अनेकों योगदान है। उनके पास तीन दशक का रिसर्च का अनुभव है। 2002 में वो कोरिया में विजिटिंग साइंटिस्ट भी रह चुकी हैं।इसके अलावा वो सिंगापुर और यूएसए के कई राज्यों में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल रहीं हैं। उन्हें दुनियां के 2 परसेंट वैज्ञानिकों की लिस्ट में भी शामिल किया जा चुका है और एनालिटिकल केमिस्ट्री उनका पूर्णकालिक विषय रहा है। डॉ शिखा गोयल ने डॉक्टर ढींडसा की राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों और विज्ञान में उनके योगदान का भी विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए बताया कि इनॉर्गेनिक और बायोलॉजिकल केमिस्ट्री में उनका अनुभव अद्वितीय है। डॉ. ढींडसा को लंदन के रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री में दशकों पहले शामिल किया जा चुका है। हरियाणा में डॉ. ढींडसा पहले साइंटिस्ट है जिनको साइंस एकेडमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2003 में बेस्ट साइंटिस्ट अवार्ड, विज्ञान रत्न,शिक्षा रत्न, और भारत गौरव जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2022 में लंदन की ऐस्क्राफ्ट यूनिवर्सिटी ने डॉक्ट्रेट की उपाधि देकर सम्मानित किया और इसी साल उनको भारत रत्न मदर टेरेसा अवार्ड भी दिया गया। ऐसी महान शख्सियत द्वारा जेसीडी का नेतृत्व करना एक अद्भुत संयोग है।

प्रो. डॉ. एसपी खटकड़ ने अपने संबोधन में कहा कि देश के विकास का रास्ता विज्ञान से होकर निकलता है यही कारण है कि भारत में सरकारें भी हमेशा से साइंस को बढ़ावा देती रही हैं। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो साइंस में और बेहतर करना होगा। उन्होंने बताया कि नई एजुकेशन पॉलिसी से विद्यार्थियों की साइंस में रुचि बढ़ेगी और ये पॉलिसी विकसित भारत की नींव बनेगी। उन्होंने जेसीडी इंजीनियरिंग कॉलेज में विद्यार्थियों द्वारा की जा रही इनोवेशन को देखते हुए उम्मीद जताई कि जेसीडी से भी महान वैज्ञानिक जरूर पैदा होंगे जो डॉ. सीवी रमन की तरह ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे।

डॉ विनोद बाला तक्षक ने महान वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन को याद करते हुए कहा कि आज उनकी खोज से पूरी दुनियां लाभान्वित हो रही है और आज इनको याद करने का समय है। उन्होंने भारत में मौजूद सीमित संसाधनों द्वारा ही महत्वपूर्ण खोजों को अंजाम दिया। भारत के पास मॉडर्न केमिस्ट्री से लेकर आयुर्वेद जैसा विज्ञान मौजूद है जिसपे काम किया जा सकता है और देश के नौजवान वैज्ञानिकों को स्थानीय टेक्नोलॉजी के जरिए भारत को विकसित बनाने का सपना पूरा करना होगा। उन्होंने डॉ. अब्दुल कलाम के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि हमें अलग ढंग से सोचने और उस पर काम करने का साहस रखना चाहिए तभी कुछ नया और बेहतर किया जा सकता है।

जेसीडी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में कई इंटर कॉलेज प्रतियोगिताएं करवाई गईं,जिसमें पोस्टर बनाने से लेकर विज्ञान प्रश्नोत्तरी, पीपीटी बनाने से लेकर मॉडल प्रस्तुतियों तक, विभिन्न गतिविधियों का आयोजन हुआ। जिसके माध्यम से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिला । मॉडल प्रेजेंटेशन में जेसीडी कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन की टीम ने प्रथम जेसीडी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की कॉलेज ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। पोस्टर मेकिंग में जेसीडीएम इंजीनियरिंग कॉलेज की इशिका ने प्रथम,जेसीडी मेमोरियल कॉलेज के रवि ने द्वितीय व यामिनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्विज कंपटीशन में पहले स्थान पर जेसीडी इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम रही दूसरे स्थान पर जेसीडी कॉलेज आफ फार्मेसी और तीसरे स्थान पर भी जेसीडी कॉलेज आफ इंजीनियरिंग की टीम रही। पीपीटी में जेसीडी डेंटल कॉलेज की हिमशिखा प्रथम स्थान पर,जेसीडी आईबीएम कॉलेज की भूमि द्वितीय स्थान पर व जेसीडी इंजिनियरिंग कॉलेज का प्रशांत तृतीय स्थान पर रहा।शानदार प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन, रोहतक चैप्टर के सहयोग से 1100,700,500 रुपए की सहायता राशि देकर पुरस्कृत भी किया गया। विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल प्रोजेक्ट्स को मुख्य अतिथियों द्वारा काफी सराहा गया और उन्हें प्रोत्साहित किया गया।

इस मौके पर आस-पास के विद्यार्थियों, शिक्षाविदों, विज्ञान व नवाचार में रुचि रखने वाले लोगों को आमंत्रित किया गया था जिन्होंने यहां पर आकर जहां विद्यार्थियों की प्रतिभा का अवलोकन किया वहीं यहां पहुंचने वाले विशेषज्ञों के विचार भी सुने।