Visit of School Students
जेसीडी विद्यापीठ में उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न कोर्स हैं उपलब्ध: डॉ. ढींडसा
इंजीनियर को होना चाहिए अत्याधिक रचनात्मक और विश्लेषणात्मक: प्रोफेसर ढींडसा
सिरसा 17 फरवरी 2024: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गुड़िया खेड़ा और गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मंगाला के दसवीं से 12वीं तक के छात्रों ने भ्रमण किया। इस अवसर पर उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी विभागों की कार्यशालाओं, लाइब्रेरी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने छात्रों का स्वागत किया और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की जेसीडी विद्यापीठ में 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए हर प्रकार के कोर्स उपलब्ध है छात्र अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार किसी भी संस्थान के किसी भी कोर्स में एडमिशन ले सकता है। विद्यापीठ का प्रत्येक संस्थान सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं, अनुभवी शिक्षकों और अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं से सुसज्जित है। यहां से शिक्षा ग्रहण कर छात्र बेहतरीन भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर को अत्यधिक विश्लेषणात्मक और विस्तार-उन्मुख होना चाहिए। इंजीनियर को कल्पनाशील और रचनात्मक होना चाहिए।
डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज विद्यार्थियों की योग्यता, कौशल और कैरियर लक्ष्यों को हमेशा ध्यान में रखता है । यहां की फैकल्टी सक्रिय रूप से अनुसंधान में लगे रहते हैं। इस संस्थान में छात्रों के लिए विशेष इंटर्नशिप कार्यक्रम भी हैं, ताकि वे अग्रणी संगठनों में काम करने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकें और एक कर्मचारी के रूप में कंपनी में शामिल होने का अवसर प्राप्त कर सकें। इस कॉलेज में व्यावहारिक शिक्षण और अनुसंधान कार्य के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ उपलब्ध हैं । संस्थान के पास छात्रों के लिए नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास में संलग्न होने और इन उद्यमों को विकास के लिए धन और तकनीकी सहायता प्राप्त करने के लिए एक नवाचार सेल है।
इस अवसर पर छात्रों ने भी अपनी जिज्ञासाओं को इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों के समक्ष प्रस्तुत किया और उनका समाधान प्राप्त किया। इस भ्रमण का आयोजन जेसीडी मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर दिनेश कुमार के मार्गदर्शन में इंजीनियर गंगा सिंह,इंजीनियर गुरविंदर सिंह, इंजीनियर मनीषा एवं इंजीनियर हरदीप की देखरेख में किया गया था।