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Akhil Bhartiya Kavi Sammelan – JCD Vidyapeeth and ICS Sirsa

जेसीडी विद्यापीठ में विख्यात कवियों ने बांधा समां
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने हास्य, वीर एवं श्रृंगार रस से श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

Akhil Bhartiya Kavi Sammelan ‘ICS Kavyotsava’ was organized on Friday under the joint aegis of JCD Vidyapeeth and ICS Coaching Center Sirsa. Dr. Shamim Sharma, Managing Director of JCD Vidyapeeth and Mr. Parimal Kumar, Founder of ICS and Mrs. Babita as co-founder attended the program. Advocate Ramesh Mehta was present as a special guest. This Kavi Sammelan was organized by Vinod Kumar from ICS Sirsa Center.

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जेसीडी विद्यापीठ एवं आईसीएस कोचिंग सेन्टर सिरसा के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ‘आईसीएस काव्योत्सव’ का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्यातिथि जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा एवं आईसीएस के संस्थापक मि.परिमल कुमार एवं सह-संस्थापक श्रीमती बबीता ने शिरकत की। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर इसमें एडवोकेट रमेश मैहता उपस्थित रहे। इस कवि सम्मेलन का आयोजन आईसीएस सिरसा सेंटर के विनोद कुमार द्वारा करवाया गया था। इस मौके पर मुख्यातिथि एवं अन्य द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के डॉ.दिनेश गुप्ता, डॉ.जयप्रकाश, डॉ.कुलदीप सिंह, डॉ.राजेन्द्र कुमार, डॉ.अनुपमा सेतिया, इंजी.आर.एसबराड़ के अलावा आईसीएस सेंटर के अनेक प्रशिक्षक एवं विद्यार्थीगणों के अलावा अनेक अन्य गणमान्य लोग एवं शहर की चर्चित हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस कवि सम्मेलन में सुविख्यात पानीपत से हास्य-व्यंग्य के योगेन्द्र मौदगिल, आसनसोल से हास्य व्यंग्य के कवि पवन बांकेबिहारी, सहारनपुर से बिलाल सहारनपूरी, तिजारा से वीर रस के सौरभ सैनी तथा बाजपुर से श्रृंगार रस की कवयित्री काव्या श्री ने अपने काव्यापाठों से उपस्थित श्रोताओं को ओतप्रोत करने के साथ-साथ उनका मनोरंजन किया। इस मौके पर दो मिनट का मौन धारण करके पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर आईसीएस के संस्थापक का विद्यार्थियों ने फूल-मालाओं एवं ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया तथा कार्यक्रम स्थल तक लेकर गए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सर्वप्रथम डॉ. शमीम शर्मा ने आए हुए अतिथियों व आईसीएस के विद्यार्थियों का संस्थान में पधारने पर स्वागत करते हुए सर्वप्रथम पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे विद्यार्थियों को व अन्य विद्यार्थियों को केवल शिक्षा प्रदान करना न होकर उनका सर्वांगीण विकास करना है, जिसमें ऐसे आयोजन अपनी अह्म भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कविता व्यक्ति को प्रफुल्लित, आनंदित एवं मनोरंजन करने के साथ-साथ अनेक मुद्दों को भी व्यंग्य के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में सहयोग करती है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ साहित्य-अनुराग का भी अपना ही महत्व है। कविता न केवल चिंतन के बीज बिखेरती है बल्कि विविध रसों से आनंदित भी करती है।
सर्वप्रथम अपने अभिभाषण में मि.परिमल ने विद्यार्थियों के जोश एवं उत्साह को देखते हुए उनकी सराहना करते हुए कहा कि आप युवा है इसीलिए आपकी अलग प्रकार की ऊर्जा निहित है इसे देशहित एवं अपनी तरक्की के लिए प्रयोग करें ताकि आपको कामयाबी हासिल हो सके। उन्होंने इस मौके पर सम्पूर्ण भारत में स्थापित केन्द्रों एवं उनके संचालन की जानकारी प्रदान करते हुए अपने सभी विद्यार्थियों की प्रशंसा की।
सबसे पहले अपनी प्रस्तुति के माध्यम से नन्हीं कवयित्री काव्या श्री ने मां सरस्वती की वंदना को अपनी मधुर वाणी में सुनाकर सभी को भक्तिरस से सराबोर किया गया। उन्होंने अपनी मधुर आवाज माता की स्तुति करके सभी का मन मोहा।
इस कवि सम्मेलन में मंच संचालन करते हुए हास्य-व्यंग्य के जादूगर योगेन्द्र मौदगिल ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया एवं अपनी कविता के माध्यम से अनेक मुद्दों पर व्यंग्य के साथ-साथ सभी को हंसा-हंसाकर लोट-पोट करने का काम किया। वहीं उन्होंने इस मौके पर पधारे अन्य कवियों का संक्षिप्त परिचय भी अपने शब्दों के माध्यम से किया।
तिजारा से पधारे वीर रस के कवि सौरभ सैनी ने अपने अलग ही अंदाज में कविता प्रस्तुत करके सभी को सैनिक के जीवन की कहानी से रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि एक सैनिक जागता है तभी हम चैन की नींद सो सकते हैं, पुलवामा हमले पर अपनी दो लाइनें सुनाते हुए वेदना प्रकट करते हुए कहा कि उन शहीदों के गुनहगार कोई ओर नहीं बल्कि हमारे देश के ही गददार हैं।
गज़ल गायक बिलाल सहारनपुरी ने अपने अंदाज में जात-पात की लड़ाई से दूर रहकर हिन्दुस्तानी बनने का आह्वान करते हुए अपनी गजल प्रस्तुत करके श्रोताओं को भाव-विभोर किया। उन्होंने कहा कि हम नेताओं के बहकावे में आकर आपस में मजहबी लड़ाई न लड़कर आपस में भाईचारे से रहे तथा अपने देश के लिए कार्य करें।
हास्य से ओतप्रोत एवं अपने बिहारी अंदाज में अपना काव्यपाठ प्रस्तुत करते हुए कवि पवन बांकेबिहारी ने पति-पत्नी एवं अन्य अनेक गंभीर मुद्दों पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत करके जहां सभी को हंसाया वहीं अपने अंदाज से सभी को आनंदित भी किया। उन्होंने अपने व्यंग्य के माध्यम से चुनावी रण पर भी अनेक कविताएं सुनाकर सभी को विचारने पर विवश किया।
इस अवसर पर आईसीएस के सिरसा व आसपास के क्षेत्रों से अनेक विद्यार्थीगण, शिक्षकगण व जेसीडी विद्यापीठ के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण के अलावा शहर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।