Water circulated Air Conditioner
जेसीडी इंजीनियरिंग संस्थान के छात्र ने बनाया “जल परिसंचरण आधारित एयर कंडीशनर”
जल परिसंचरण आधारित उपकरणों के अविष्कार से तकनीकी क्षेत्र में आएगी क्रांति : डॉ. ढींडसा
सिरसा 19 अक्टूबर 2023: जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी इंजीनियरिंग संस्थान के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र अजय कुमार ने अपनी कार्यकुशलता और रचनात्मकता के तालमेल से वाटर सर्कुलेटेड बेस्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम बनाया है जोकि साधारण एयर कंडीशनर के मुकाबले जहां तीसरे हिस्से की बिजली ख़पत करेगा वहीं इन्वर्टर पर भी चलेगा। जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष इंजीनियर सुशील अग्रवाल और छात्र अजय ने सयुंक्त रूप से बताया कि इस एयर कंडीशनर में वाटर कूलेंट का प्रयोग किया गया है और हीट एक्सचेंजर को कॉमन रखा गया है जिससे एक एयर कंडीशनर के खर्चे में तीन एयर कंडीशनर को चलाया गया है। उन्होंने बताया कि नई तकनीक पर आधारित यह एयर कंडीशनर सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल है और साथ ही साथ बिजली के जाने की स्थिति में यह दो घंटे तक ठंडक देते रहने की क्षमता है।
जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने इस प्रोजेक्ट का पर्दापण किया और कहा कि इस तरह के अविष्कार तकनीकी क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संसाधनों की दिनोदिन आ रही कमी के चलते आज यह जरुरी हो गया है की हम ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा की बचत करें। इस तरह के उपकरण बाजार में आने से जहां एक तरफ ऊर्जा की बचत होगी वहीं उपभोक्ता को भी काम खर्च में इस तरह की सुविधा मिलेगी। डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि जल परिसंचरण आधारित इस तरह के एयर कंडीशनर के अविष्कार से तकनीकी क्षेत्र में क्रांति आएगी । इस उपकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह उपकरण इस सिद्धांत पर कार्य करता है की ठंडा पानी परिसंचरण प्रणाली केंद्रीय एयर कंडीशनिंग उपकरण का ठंडा पानी वापसी पानी है जो चिलर के बाष्पीकरणकर्ता में गुजरता है, परिशोधन उपकरण और चिलर के वाष्पीकरण में परिसंचारी पानी पंप करता है, सर्द वाष्पीकरण की शीतलन मात्रा को अवशोषित करता है, जिससे तापमान ठंडे पानी में कम हो जाता है और पानी विभाजक में प्रवेश करता है। डॉ ढींडसा ने प्रोजेक्ट में कार्यरत टीम की सराहना की और उनके द्वारा किये गए सकारात्मक प्रयासों के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार एस एल सैनी , डॉ दिनेश कुमार , विभागाध्यक्ष इंजीनियर सुशील अग्रवाल, वीना रानी, शफी जिंदल सहित विभाग के सभी प्रोजेक्ट स्टाफ सदस्य और छात्र उपस्थित थे।